Haryana Chess Association (HCA)
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अविवाहित Kuldeep शतरंज, Secretary General - Haryana Chess Association (HCA)
H. No. 1, Gali No. 1, Tosham Bypass Road, Near Auto Market, Bhiwani 127021
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हरियाणा शतरंज एसोसिएशन (HCA) ने गुजरात, तमिलनाडु, गोवा और आन्ध्र प्रदेश की तर्ज पर हरियाणा प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधारने व बेहतर करने के लिए शतरंज को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने पर बल दिया है। HCA के प्रयासों से प्रदेश में शतरंज तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। लेकिन इसे स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना जरूरी है। गुजरात और तमिलनाडु ने इस दिशा में काफी ज्यादा प्रगति की है। अन्य राज्यों, CBSE, केंद्रीय विधालय संगठन, DAV मैनेजमेंट व केन्द्र के कई स्कूलों में भी शतरंज को अपने स्कूली पाठ्यक्रमों में शामिल किया गया है।
गुजरात, तमिलनाडु और गोवा की तर्ज पर शतरंज को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करे सरकार :
शतरंज केवल एक खेल नहीं बल्कि इससे शैक्षिक व बौद्धिक क्षमता का भी विकास होता है जो विभिन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए आत्मविश्वास भी पैदा करता है। शतरंज खेलने से गणित व विज्ञान विषयों पर अच्छी पकड़ बनती है। ऐसे में शतरंज को गुजरात, तमिलनाडु और गोवा की तर्ज पर स्कूली सिलेबस में शामिल करने की आवाज लगातार उठ रही है। इसे लागू करने में कोई मुश्किल भी नही आ सकती क्योंकि शतरंज बहुत सस्ता पड़ता है और ज्यादा जगह की आवश्यकता नही होती। हरियाणा शतरंज एसोसिएशन (HCA) की तैयारियों की बात करें तो उसके प्रयासों से प्रदेश के अनेक निजी स्कूलों में शतरंज की कक्षाओं के Periods लगने शुरू हो चुके हैं।
गुजरात शतरंज को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने वाला पहला राज्य, तमिलनाडु दूसरा राज्य :
विश्वविजेता गैरी कास्परोव की जन्मभूमि अजरबैजान गणराज्य की राजधानी बाकू से प्रभावित होकर प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2008-09 में गुजरात के Chief Minister रहने के दौरान देश में सबसे पहले शतरंज को गुजरात के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया था। गुजरात के बाद तमिलनाडू ने वर्ष 2011-12 में शतरंज को स्कूली शिक्षा में विषय के रूप में शामिल किया। गुजरात के बाद शतरंज को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने वाला तमिलनाडू दूसरा राज्य बना।
हाल ही में राजस्थान शिक्षा विभाग भी स्कूलों में शतरंज को बढ़ावा देने के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों के नाम सर्कुलर जारी कर चुका है। शतरंज प्रेमी अब हरियाणा सरकार से शतरंज को स्कूली पाठ्यक्रम में जल्द शामिल करने की उमीद कर रहे हैं।
कई देशों के पाठ्यक्रम में विषय के रूप में शामिल :
शतरंज कोई विदेशी खेल नहीं, बल्कि इसका अविष्कार भारत में ही हुआ और फारस, अरब से होता हुआ पश्चिमी यूरोप पहुंचा। अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, अर्जेण्टीना, वेनेजुएला, हंगरी, जर्मनी, स्पेन, इटली, कनाडा, आर्मीनिया, इजरायल, मेक्सिको, मोलदोवा, पेरू, तुर्की, तातारस्तान, बालकारिया समेत अन्य कई देशों में कई वर्षो पहले से ही शतरंज को स्कूल व कॉलेज स्तर पर पाठ्यक्रम में विषय के रूप में शामिल किया हुआ है।
CBSE, केंद्रीय विधालय संगठन व DAV मैनेजमेंट जारी कर चुके हैं सर्कुलर :
विभागीय जानकारी के अनुसार CBSE, केंद्रीय विधालय संगठन व DAV मैनेजमेंट शतरंज को स्कूली शिक्षा में शामिल करने के लिए सर्कुलर जारी कर चुके हैं। इनसे संबंधित स्कूलों में शतरंज की कक्षाएं भी शुरू कर दी गई हैं। HCA के प्रदेश महासचिव कुलदीप के निवेदन पर वर्ष 2013 में हरियाणा विधालय शिक्षा बोर्ड के सचिव Dr. Anshaj Singh IAS ने शतरंज को पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारियां शुरू ही की थी कि कुछ दिनों बाद उनका तबादला हो गया। शिक्षाविदों की मानें तो हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड इस पर पुन: विचार करे तो बेहतर हो।
शतरंज के फायदे :
* शतरंज से एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
* इससे बच्चों का शैक्षिक स्तर बेहतर होता है।
* इसके खेलने से गणित और विज्ञान विषयों पर अच्छी पकड़ बनती है।
* प्लाङ्क्षनग, विश्वास, अनुशासन की सीख मिलती है।
* शतरंज बच्चों के व्यवहार में परिवर्तन लाकर सही राह पर चलने की सीख देता है।
* शतरंज सही फैसले लेने की क्षमता विकसित करता है।
* भविष्य के बारे में गहराई से सोचने, कल्पना शक्ति और खोज करने की क्षमता बढ़ती है।
HCA का लक्ष्य स्वस्थ, उज्ज्वल, नवीन और सुरक्षित शतरंज की स्थापना की दिशा में अब ये होंगे प्रयास :
हरियाणा शतरंज एसोसिएशन (HCA) के प्रदेश महासचिव कुलदीप ने बताया कि प्रदेश में एक स्वस्थ, उज्ज्वल, नवीन और सुरक्षित शतरंज की स्थापना की दिशा में अब मुय रूप से ये होंगे प्रयास :
* प्रदेश में सभी के लिए शतरंज की नि:शुल्क कोचिंग व ट्रेनिंग।
* हर महिने चार से बढाकर सात जिलों में HCA की इंटर जिला शतरंज चैंपियनशिपों का आयोजन होगा।
* प्रदेश में HCA की सभी चैंपियनशिपों में महिलाओं, निर्धन खिलाडियों, विकलांगो व अशक्तों का नि:शुल्क प्रवेश।
* प्रदेश के निजी व सरकारी स्कूलों में शतरंज को शिक्षा में लागू करवाने के लिए प्रयास।
* प्रदेश में गरीब से गरीब बच्चों के दरवाजे तक शतरंज पहुंचाया जाएगा।
* नही होने देंगे शतरंज का व्यवसायीकरण ताकि शतरंज व्यवसाय न बने।
* डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट इंडियनचेस डॉट ओआरजी पर सारी नवीनतम जानकारी उपलब्ध है।
* इसके अलावा अन्य प्रयास भी निरंतर
राजस्थान में शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए शतरंज को स्कूली शिक्षा से जोडऩे के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को सर्कुलर जारी किया गया है। हरियाणा शतरंज एसोसिएशन (HCA) के प्रदेश महासचिव कुलदीप को भी हमने साथ लिया है। राजस्थान शिक्षा विभाग ने शतरंज को स्कूली शिक्षा में शुरू करके बच्चों की एकाग्रता व स्मरण शक्ति बढाने की कवायद शुरू कर दी है।
PC Kishan IAS, निदेशक शिक्षा विभाग राजस्थान
भारत का प्राचीनतम खेल शतरंज स्कूली शिक्षा का भी हिस्सा हो। HCA का लक्ष्य है कि हरियाणा में एक स्वस्थ, उज्ज्वल, नवीन और सुरक्षित शतरंज की स्थापना हो। मैंने शतरंज के लिए भीष्म प्रतिज्ञा ली हुई है ताकि आजीवन अविवाहित रह कर जीवनभर शतरंज की सेवा व रक्षा करता रहुंगा और इसके सिवा मेरे जीवन का कोई ओर लक्ष्य नही होगा।
Er. Kuldeep, प्रदेश महासचिव
हरियाणा शतरंज एसोसिएशन (HCA)
"HCA के स्वस्थ, उज्जवल और नवीन शतरंज की स्थापना" Mission के तहत :
1. हर महिने 4 से अधिक जिलों में HCA की इंटर जिला शतरंज चैंपियनशिपों का आयोजन
2. प्रदेश में एचसीए की इंटर जिला शतरंज चैंपियनशिपों में महिलाओं, निर्धन खिलाडियों, विकलांगो व अशक्तों का नि:शुल्क प्रवेश व अन्य से अधिकतम 50 रूपये Entry fee लेने का नियम
3. प्रदेश में गरीब से गरीब बच्चों के दरवाजे तक शतरंज
4. प्रदेश में सभी के लिए शतरंज की नि:शुल्क Training/Coaching
5. शतरंज को किताबों में लाने की तैयारी
6. नही होने देंगे शतरंज का व्यवसायीकरण, शतरंज व्यवसाय न बने : HCA
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अविवाहित Kuldeep शतरंज, Secretary General - Haryana Chess Association (HCA)
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